अजब हैं यहा पे लोग सारे, दिल के जजबात जुबां पे लाने से डरते हैं ।
केहने को तो साथ रहते हैं सभी पर नफरत कि निगाहो से मोहब्बत करना भी जानते हैं ।।
खामोशी को हथियार बनाना जानते हैं, खामोशी में आंसू पीना भी जानते हैं ।
हादसे तो हजारों रोज होते हैं यहा पर हर बार मर कर जीना सभी जानते हैं ।।
सपनो को हासील करने की फिराक मे अपनों से कई दूर हो जाते हैं ।
खुशियों की किमत चुकाते चुकाते दुख की चादर ओढे ही सो जाते हैं ।।